बीजेपी की हरप्रीत कौर बबला होंगी चंडीगढ़ की नई मेयर; आप-कांग्रेस गठबंधन उम्मीदवार प्रेमलता की हार, क्रॉस वोटिंग से हुआ बड़ा खेला
BJP Harpreet Kaur Babla Won Chandigarh Mayor Chunav 2025 Defeated AAP Prem Lata
Chandigarh Mayor Chunav Result: चंडीगढ़ के अगले मेयर का ऐलान हो गया है। वार्ड नंबर-10 से पार्षद और बीजेपी उम्मीदवार हरप्रीत कौर बबला चंडीगढ़ की नई मेयर होंगी। बबला ने आप-कांग्रेस गठबंधन उम्मीदवार प्रेमलता को हराया है। हरप्रीत कौर बबला को 19 वोट मिले। जबकि प्रेमलता को 17 वोट ही मिले। क्रॉस वोटिंग का अंदेशा सच साबित हुआ है। विपक्ष के 3 वोट बीजेपी (16+3) को गए हैं।
वहीं बीजेपी के सभी पार्षदों में एकजटता दिखी. कोई भी वोट इनवैलिड नहीं हुआ। चुनाव में सांसद के 1 वोट के साथ कुल 36 वोट पड़े थे। वोटिंग सीक्रेट बैलेट पेपर से हुई। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त इंडिपेंडेंट ऑब्जर्वर पूर्व जज जयश्री ठाकुर की निगरानी में पूरा चुनाव हुआ। वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस चुनाव की पूरी वीडियोग्राफी की गई। जबकि चंडीगढ़ प्रशासन ने इस चुनाव के लिए मनोनीत पार्षद डॉ रमणीक बेदी को पीठासीन अधिकारी (चुनाव अधिकारी) नियुक्त किया था।
जीत के बाद बीजेपी का जश्न
बीजेपी ने किया था मेयर बनाने का दावा
बीजेपी पहले से ही यह दावा कर रही थी कि, मेयर पद उसके ही खेमे में जाएगा और आज वही हुआ। चंडीगढ़ का मेयर पद जीतने में बीजेपी वाकई कामयाब रही। इस जीत के बाद बीजेपी के खेमे में जश्न का गज़ब माहौल है। बबला की जीत पर पार्टी के सभी नेता ज़ोर-शोर से खुशी का इजहार कर रहे हैं गले मिलकर मिठाइयां बांटी जा रहीं हैं। इस बीच चंडीगढ़ की नवनिर्वाचित मेयर हरप्रीत कौर बबला के पति और बीजेपी नेता देविंदर बबला समेत पार्टी अध्यक्ष जेपी मल्होत्रा, पूर्व अध्यक्ष अरुण सूद और संजय टंडन के बयान भी सामने आए हैं।
क्रॉस वोटिंग पर BJP का बयान
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में क्रॉस वोटिंग को लेकर बीजेपी साफ-साफ तो कुछ नहीं बता रही है लेकिन पार्टी का यह जरूर कहना है कि, पार्षदों ने अंतरात्मा की सुनी और बीजेपी को वोट दिया। बीजेपी ने यह भी कहा है कि, अंतरात्मा के साथ-साथ आप-कांग्रेस गठबंधन की अंतर्कलह भी पार्टी की जीत का बड़ा कारण है। क्योंकि गठबंधन के इस अंदर खाते में कलेश मचा हुआ है। जिससे पार्षदों में भी निराशा पैदा हुई। बीजेपी ने कहा कि, पिछले 1 साल में उनके वार्डों में काम भी नहीं हुआ। लेकिन अब बीजेपी का मेयर बनने से शहर में विकास के काम होंगे और शहर को नई दिशा मिलेगी।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव के बारे में
मालूम रहे कि, चंडीगढ़ में मेयर का कार्यकाल एक साल का होता है। इस चुनाव में जनता वोट नहीं करती है। जनता द्वारा चुने हुए पार्षद इस चुनाव में वोट डालते हैं। वहीं चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में एकलौते मौजूदा सांसद का वोट भी पड़ता है। इस बार कांग्रेस के पास सांसद के वोट की ताकत है। इसके साथ ही इस समय चंडीगढ़ में कुल 35 वार्ड हैं। जिनमें 35 पार्षद हैं। ये सभी पार्षद मेयर चुनाव मेयर पद के उम्मीदवार के लिए वोट करते हैं।
बीजेपी 2016 से लगातार 2023 तक नगर निगम की सत्ता में काबिज
चंडीगढ़ बीजेपी 2016 से लगातार 2023 तक नगर निगम की सत्ता में काबिज रही है। यानि 8 सालों से चंडीगढ़ में बीजेपी का ही मेयर बनता रहा है। वहीं पिछले मेयर चुनाव 2024 में बीजेपी जीती तो लेकिन उसकी जीत कोई काबिल नहीं रही। फर्जीवाड़े के चक्कर में फंसकर बीजेपी के जीते हुए मेयर को इस्तीफा देना पड़ा। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी कांग्रेस-आप गठबंधन के मेयर उम्मीदवार की जीत पर मुहर लगाई।